काँठ। शुगर मिल एवं सहकारी गन्ना विकास समिति में आपसी समझौते के उपरांत अब समिति कांठ के माध्यम से किसानों का भुगतान किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण समझौते से किसानों में हर्ष की लहर है।
शुगर मिल एवं सहकारी गन्ना विकास समिति कांठ के मध्य समझौता होने के बाद अब शुगर मिल किसानों को सीधा भुगतान समिति कांठ को भेजेगी। सहकारी गन्ना समिति का तालमेल पंजाब नेशनल बैंक से हो गया है। बैंक का एक कर्मचारी भी गन्ना समिति में उपलब्ध रहेगा। किसानों के खाते में समिति के माध्यम से गन्ने का भुगतान किया जाएगा। अब किसानों को भुगतान के लिए शुगर मिलों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
सहकारी गन्ना विकास समिति को कंप्यूटरीकृत कर दिया गया है। इस महत्वपूर्ण फैसले से किसानों का समय व रकम बेवजह खर्च होने से बचेगा। इससे पूर्व किसानों का भुगतान नहीं होने पर शुगर मिल के क्लर्कों को खुश करना होता था, जहां प्रभावशाली किसानों का भुगतान शीघ्र हो जाता था परंतु छोटा किसान अत्यंत त्रस्त था जो किसान स्वर्गवासी हो जाते थे अथवा अन्य मदों का पैसा किसानों को नहीं मिल पाता था अथवा शुगर मिल बंद होने पर ही भुगतान होता था। अब प्रत्येक किसान का समस्त रिकॉर्ड समिति में उपलब्ध रहेगा। इसके अलावा पर्ची वितरकों की धांधली से भी किसान त्रस्त था। यह जानकारी समिति के सचिव मुकेश कुमार सक्सेना देते हुए बताया कि मोबाइल के माध्यम से किसानों को मैसेज कर दिया जाएगा कि इस दिन उनको गन्ना क्रय केंद्र पर तोला जाएगा। बहरहाल किसानों को गन्ने के भुगतान में अब बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई हैं। भुगतान संबंधी सभी निस्तारण समिति के माध्यम से कर दिया जाएगा।