नागरिकता संशोधन बिल में भेद भावः इकबाल


'काँठ केसरी'
  काँठ। नगर के अग्रणी समाजसेवी एवं पूर्व नगर पंचायत  अध्यक्षा पति  इकबाल आलम ने 'काँठ केसरी' को वार्ता के दौरान बताया कि मोदी सरकार द्वारा कैबिनेट में नागरिकता संशोधन बिल पास किया गया है जिसके द्वारा पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश आदि देशो से भारत में आये गैर मुस्लिमों को भारत की नागरिकता दी जायेगी और किसी मुस्लिम को ये सुविधा नही मिलेगी। ये संविधान के अधिनियम-14 का उल्लंघन है। 
 उन्होंने कहा कि केन्द्र की सरकार का ये फैसला भेदभाव वाला है। भाजपा की मोदी सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने के लिये लोगों को ध्यान भटकाने के लिये ये फैसला किया है। सरकार की गलत नीतियों के कारण देश की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर हो रही है। देश की उद्योग ईकाईयां बंद हो रही हैं। व्यापारी अपने कारोबार में लगातार नुकसान उठा रहा है। देश के किसान को उसकी फसल का वाजिब दाम नहीं मिल रहा है। देश के युवाओं को रोजगार नही मिल रहें है। नौकरिया सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष 2 करोड़ देने की बात हवा-हवाई साबित हुई देशवासियों को अच्छी व स्वच्छ चिकित्सा और शिक्षा नहीं मिल पा रही हैं। केन्द्र की मोदी सरकार देश की अवाम के बारे में नहीं सोचती बल्कि देश के चंद उद्योगपतियों को फायदा पहुँचाने के बारे में रात-दिन एक किये हुए है। 
 केन्द्र की सरकार हर मोर्च पर विफल हो गई। जो सरकार जाति-धर्म के आधार पर फैसलें करे या कोई व्यक्ति संवैधानिक पद पर बैठकर व्यक्ति-व्यक्ति में भेद करें वो सरकार या वो व्यक्ति अच्छा हो नहीं सकता है। नागरिकता संशोधन बिल देश मजबूत ताना-बाना को कमजोर करेगा। भारत को महान देश बनाने में हिन्दू-मुस्लिम- सिख-ईसाई सभी ने अपना-अपना योगदान दिये है। भारत की आजादी में भी सभी धर्मो के लोगों ने कुर्रबानियां दी थी। 


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