हैदराबाद पुलिस के एनकाउंटर को महिलाओं ने सराहा

महिलाएं बोली 'न कोर्ट न कचहरी, फैसला हो आॅन द स्पाॅट'



'काँठ केसरी'
  काँठ। हैदराबाद में महिला पशु चिकित्सक के साथ गैंगरेप के बाद जलाकर की गई हत्या आरोपियों के एनकाउंटर की खबर जैसे ही लोगों तक पंहुची, तो सभी के चेहरों पर खुशी देखने को मिली। लोगों ने एक स्वर में बोला कि ऐसे अपराधियों का इस प्रकार ही अंत होना चाहिए। जिस पर महिलाओं ने इस मामले में अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दी है। 
 शुक्रवार की सुबह जैसे ही यह खबर लोगों तक मोबाइल, टीवी और सोशल मीडिया के माध्यम से पंहुची कि हैदरबाद कांड के दरिंदों को पुलिस ने एनकाउंटर में उसी जगह मार गिराया जहां उन चारों ने महिला चिकित्सक के साथ हैवानियत का खेल खेलकर उसकी जलाकर हत्या कर दी थी। तो सभी के चेहरे पर मुस्कान लौट आई। महिलाओं से जब हमने इस संबध पर बात की तो उन्होनें कहा कि ऐसे मामलों के आरोपियों के लिए न कोर्ट न कचहरी न पुलिस होनी चाहिए बल्कि फैसला आॅन द स्पाॅट किया जाना चाहिए।
 इस सम्बंध में उर्दू अकादमी उ0प्र0 की सदस्या भाजपा नेत्री फहमीदा सुल्तान ने कहा कि दरिंदगी के आरोेपियों के साथ पुलिस ने बिल्कुल सही किया है। लेकिन यदि इन चारों दरिंदो को खुलेआम पब्लिक के सामने यह सजा दी जाती तो अपराध करने वाले लोगों की आंखे खुल जाती। क्योंकि इन वहशी दरिंदों ने महिला चिकित्सक की तडपाकर हत्या की है। इसीलिए इनको यदि सरेआम सजा दी जाती तो शायद और ज्यादा खुशी महसूस होती।
 भाजपा नेत्री मधु चैहान ने कहा कि पुलिस द्वारा एनकाउंटर कर ऐसे दरिंदों का सफाया करना बिल्कुल ठीक है। क्योंकि ऐसे वहशियों को समाज में रहने का कोई अधिकार ही नहीं है। जिनकी सजा सिर्फ मौत है। 
 भाजपा महिला मोर्चे की जिलाध्यक्ष रेखा विश्नोई  ने कहा कि पुलिस द्वारा सभी आरोपियों का एनकाउंटर करना बहुत अच्छा है। क्योंकि ऐसे लोगों की जगह जेल में नहीं बल्कि ऊपर होती है। पुलिस का यह सराहनीय कदम है। इससे ऐसे मुजरिमों को सबक मिलेगा। 
 भाजपा महिला मोर्चे की काँठ मंण्डल अध्यक्ष निमेश कश्यप ने कहा कि अब समय आ गया है कि सरकार को पुराने कानून बदलकर नया कानून बनाना चाहिए। क्योंकि निर्भयाकांड के आरोपियों को सात वर्ष बाद भी फांसी होने के बाद भी फांसी नहीं हो पाई है। हैदराबाद पुलिस द्वारा चारों आरोपियो का एनकांउटर करना सराहनीय कदम है। 
 ग्राम पंचायत अहमदपुर नींगू नंगला की ग्राम प्रधान विमलेश विश्नोई ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकारों को गंभीर होना चाहिए। अब अपराधियों को पुराने कानून से न डराकर नया कानून यानि एनकाउंटर कर फैसला आॅन द स्पाॅट करना चाहिए। तभी जाकर अपराध को कम किया जा सकता है। 
 भाजपा नेत्री विमल कश्यप ने कहा कि समाज में महिलाओं व मासूम बच्चियों के साथ हैवानियत का खेल खेलने वालो को अब सरकार को फास्र्टट्रैक कोर्ट में चंद दिनों में ही कड़ी सजा दी जानी चाहिए। ताकि समाज में अपराध करने वालो के खिलाफ एक कड़ा मैसेज जा सके। हैदराबाद पुलिस द्वारा किए गए चारों आरोपियों के एनकाउंटर से सभी महिलाऐं बहुत खुश हैं। 


बेहतर होता अदालत बलात्कारियों को रातोंरात सजा सुनातीः सलमा 



  काँठ। सपा महिला सभा की प्रदेश सचिव सलमा हक्कानी ने हैदराबाद बलात्कारियों के एन्काउन्टर पर कहा कि चारों बलात्कारियों के जिस्म में बारूद उतारा गया, बहुत अच्छा हुआ। इससे कहीं ज्यादा बुरी मौत के वो हकदार थे। देश की जनता भी बहुत खुश है, की बलात्कारियों पर तालिबानी सजा का तरीका अपनाया गया। उन्होंने कहा कि काश, यही काम अदालत करती, रातों रात अदालत खुलती और बलात्कारियों को फांसी की सजा सुनाई जाती। जैसे सरकारें रातोंरात राष्ट्रपति शासन लगाती और हटाती हैं, ये भी हो सकता था। हमें और ज्यादा खुशी भी होती और अपनी न्यायपालिका पर गर्व भी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यही वजह है लोग सजा के गलत तरीके पर खुश हो रहे हैं। क्या अब न्यायपालिका से भरोसा खत्म होने की शुरुआत हो चुकी है? अगर हालात ऐसे ही रहे तो वो दिन दूर नहीं जब अदालतों के बाहर फैसले होंगे और न्यायपालिका मूकदर्शक बनी होगी। इस तरह जनता का भरोसा न्यायपालिका से उठ जाएगा, जो की गलत है। 


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