गन्ना मूल्य न बढ़ाये जाने से किसानों में रोष


'काँठ केसरी'
  काँठ। तीन साल से लगातात गन्ना मूल्य ना बढ़ाये जाने को लेकर किसानों में रोष है। भारतीय किसान यूनियन ने भाजपा को किसान विरोधी बताते हुए विधान सभा चुनाव में परीणाम भुगतने की चेतावनी दी है। 
 बतादें कि तीन सालों से प्रदेश सरकार ने गन्ने का भाव नहीं बढ़ाया है। जिसका परीणाम यह हुआ कि मुरादाबाद मंडल में लोक सभा चुनाव के दौरान र्पाअी अपनी साख तक नहीं बचा पाई। किसानों को इस बार बन्ना मूल्य बढ़ाकर दिऐ जाने की उम्मीद थी। किसान नेता चैधरी )षिपाल सिंह के मुताबिक केंद्र सरकार से उन्हें 25 रूपया कुंटल बढ़ाये जाने की जानकारी मिली थी। जिससे किसान इस बार चार सौ रूपये प्रति कुंटल की दर की उम्मीद कर रहे थे। 
 हालांकि किसानों की मांग थी कि किसानों की लागत का डेढ़ गुना 450 या फिर 500 रूपया गन्ना मूल्य होना चाहिऐ। मगर सरकारी की खामोशी से किसानों को मायूसी ही हाथ लगी है। भाकियू नेता तहसील प्रभारी काँठ जितेन्द्र विश्नोई ;जीतूद्ध, तहसील अध्यक्ष काँठ हरदीप सिंह एवं तहसील कोषाध्यक्ष काँठ सुनील कुमार विश्नोई आदि का कहना है कि सरकार को इसका परीणाम विधान सभा चुनावों में भुगतना पडे़गा। 
 काँठ तहसील प्रभारी जितेन्द्र विश्नोई उर्फ जीतू ने इसे किसानों के साथ धोखा बताया है। कहा कि सरकार इस तरह से किसानों की आमदनी को दो गुना करने का काम कर रही है क्या? खाद, बीज और डीजल के दाम बढ़ गऐ लेकिन किसान के गन्ने का दाम नहीं बढ़ाया गया है, यह बात सरकार की किसान विरोधी मानसिकता की परिचायक है। किसानों में इसे लेकर रोष है। 
 भाकियू ने आगामी विधान सभा चुनाव में परीणाम भुगतने की चेतावनी देते हुऐ। किसानों से 21 को कृषि उपकरणों के साथ आंदोलन में शामिल होने की अपील की है। 


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